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durumis AI द्वारा संक्षेपित पाठ
- इंग्लैंड प्रीमियर लीग के आक्रामक मिडफील्डर लिंगार्ड के FC सियोल में शामिल होने से K लीग में एक नया झोंका आने की उम्मीद है।
- लिंगार्ड 5 मई को मेडिकल टेस्ट करवाएंगे और 7 मई को अनुबंध पर हस्ताक्षर करेंगे, 8 मई को आधिकारिक प्रवेश सम्मेलन आयोजित करेंगे, और बाद में जापान प्रशिक्षण शिविर में टीम में शामिल होंगे।
- मैनचेस्टर यूनाइटेड से अनुबंध समाप्त होने के बाद लिंगार्ड को कई प्रस्ताव मिले, लेकिन उन्होंने कोरिया का चुनाव किया। K लीग में उनका प्रवेश एक नई चुनौती की तलाश करने वाले लिंगार्ड की इच्छा और K लीग की लोकप्रियता को दर्शाता है।
स्रोत: योनहाप न्यूज़
नमस्ते सब लोग! इन दिनों एशियाई कप के चलते भारतीय फ़ुटबॉल में खलबली मची हुई है, साथ ही एक और खबर भी चर्चा का विषय है। जी हाँ, लिंगार्ड का FC सियोल से जुड़ना! लिंगार्ड के सियोल से जुड़ने की खबरें कुछ समय से चल रही थीं और अब ये सच होने जा रही हैं। EPL में खेलने वाले इस खिलाड़ी का K लीग में आने का क्या कारण है, इसका सौदा कैसे हुआ, आइए जानते हैं।
आपको बता दें, लिंगार्ड एक ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने इंग्लैंड के प्रीमियर लीग के 'मैनचेस्टर यूनाइटेड' के लिए 200 से ज़्यादा मैच खेले हैं, वो एक आक्रामक मिडफ़ील्डर हैं। 2018 के रूस विश्व कप में इन्होंने एक गोल किया था जिससे इंग्लैंड सेमीफ़ाइनल में पहुँच गया था। लिंगार्ड ने कभी इंग्लैंड से बाहर खेलने की कोशिश नहीं की, इनके पास शानदार अनुभव और प्रतिभा है। ऐसे खिलाड़ी के भारत आने पर सबको हैरानी हो रही है।
लिंगार्ड ने पिछली गर्मियों में FC सियोल से संपर्क किया था, और पिछले एक महीने में इस सौदे पर बहुत तेज़ी से बातचीत हुई है। फैंस उत्साहित हैं, लेकिन साथ ही कुछ चिंतित भी हैं, लेकिन लिंगार्ड द्वारा इंस्टाग्राम पर एक स्टोरी पोस्ट करने से सभी का उत्साह और बढ़ गया। लिंगार्ड ने भारत जाने के लिए विमान में बैठे अपनी एक तस्वीर शेयर की थी। लिंगार्ड के सियोल से जुड़ने की खबर सच साबित हो गई। क्लब के मुताबिक, लिंगार्ड 5 तारीख को दोपहर भारत पहुंचे और 6 तारीख को मेडिकल टेस्ट करवाएंगे, 7 तारीख को कॉन्ट्रैक्ट पर साइन करेंगे, और 8 तारीख को प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। इसके बाद वो जापान के ट्रेनिंग कैंप में जुड़ेंगे। क्या यह बहुत जल्दबाजी है?
लिंगार्ड इस समय किसी क्लब से जुड़े नहीं हैं, उन्हें सऊदी अरब, तुर्की जैसे देशों से भी ऑफ़र मिले थे, लेकिन उन्होंने भारत को चुना। तो आखिर लिंगार्ड ने इतने सारे लीगों में से K लीग क्यों चुना? बहुतों का मानना है कि लिंगार्ड भारत को नए अवसरों की धरती मान रहे हैं और वो एक नया चुनौती लेने के लिए तैयार हैं। लिंगार्ड का मैनचेस्टर यूनाइटेड से कॉन्ट्रैक्ट खत्म हो गया था और जिस क्लब में वो शामिल हुए थे, वहां उन्हें बेंच पर ही बैठना पड़ रहा था। उन्हें मिडिल ईस्ट से अच्छा वेतन मिल रहा था, लेकिन वो दूसरे खिलाड़ियों के साथ कुछ नया करने की कोशिश करना चाहते थे। वो भारत में अपनी जगह बनाना चाहते हैं और फिर यूरोप वापस जाना चाहते हैं।
सच में, K लीग का चुनाव करने के पीछे की असली वजह उनके इंटरव्यू से ही पता चल पाएगी। लेकिन, हर हाल में ये भारतीय फ़ुटबॉल फ़ैंस के लिए एक खुशखबरी है। लिंगार्ड के FC सियोल से जुड़ने से कई फ़ुटबॉल फ़ैंस इस खेल को देखने आएंगे। इस सीज़न में भारत में लिंगार्ड को खेलते हुए देखना कितना मज़ेदार होगा! क्या वो K लीग को और मशहूर बनाने में कामयाब रहेंगे, ये देखने लायक होगा। आज आपने ये खबर पढ़ी, इसके लिए धन्यवाद:)