विषय
- #टकजू
- #बोकसुंदोगा
- #मक्कल्ली
- #हनगंगजूजो
- #नेरिनमाएल
रचना: 2024-02-01
रचना: 2024-02-01 09:41
स्रोत: पिक्साबे
भारत के लोगों की खानपान की आदतें बदल रही हैं और मांस का सेवन बढ़ने के साथ-साथ आसुत शराब, सोजू (Soju) लोकप्रिय हो रही है। लेकिन कुछ ऐसी शराबें भी हैं जो लंबे समय से बिना किसी बदलाव के लोगों का प्यार पा रही हैं, उनमें से एक है टैकजू (Takju)! इसे छना हुआ शराब भी कहते हैं, और इसे मक्कल्ली (Makgeolli) भी कहा जाता है।
टैकजू (Takju) भारत की सबसे प्रसिद्ध पारंपरिक शराब में से एक है, जो चावल, नूक (Nuruk) और पानी से बनाई जाती है। इसमें चिपचिपा चावल या साधारण चावल का इस्तेमाल किया जाता है और नूक (Nuruk) के प्रकार के हिसाब से इसका स्वाद और खुशबू अलग-अलग होती है। टैकजू (Takju) को बनाने के बाद उसे छानकर नहीं रखा जाता है, बल्कि उसमें मौजूद अवशेषों को भी बोतल में भर दिया जाता है। अन्य पारंपरिक शराबों की तुलना में इसका रंग धुंधला होता है और स्वाद थोड़ा कड़वा होता है।
टैकजू (Takju) भारत की शराब संस्कृति में अहम भूमिका निभाता आया है। गोरियो काल से ही इसे आम लोगों की शराब के रूप में अपनाया गया है और गांवों में सामूहिक रूप से या घरों में खुद बनाकर इसे रोज़ाना पिया जाता था। खेतों में काम करते समय नाश्ते के साथ या फिर पूजा, शादी और अंतिम संस्कार जैसे कई मौकों पर यह पेय पदार्थ जरूर होता था।
‘मक्कल्ली (Makgeolli)’ कहने पर पहले यह छवि बनती थी कि यह आम लोगों या बुजुर्गों के लिए शराब है, लेकिन आजकल इसके स्वाद, खुशबू और संरक्षण के तरीकों में सुधार होने के कारण यह सभी उम्र और वर्ग के लोगों की पसंदीदा शराब बन गई है। स्ट्रॉबेरी, आम जैसे फलों की मक्कल्ली (Makgeolli) युवाओं में खास तौर पर पसंद की जाती है! तो आइए अब कुछ उत्पादों के बारे में बताते हैं।
स्रोत: होमसुल डॉट कॉम (नेरिनमाएल मक्कल्ली 750ml 3,600 वोन)
बेसांग्मियनजूगा (Baesangmyeonjuga) की नेरिनमायल मक्कल्ली (Neurinmayeol Makgeolli) है। इसमें कृत्रिम मिठास नहीं मिलाया जाता है, केवल चावल, नूक (Nuruk) और पानी से ही इसे बनाया जाता है, जिससे इसका शुद्ध स्वाद मिलता है। कहा जाता है कि इसके ज़रिए चारों ऋतुओं के अलग-अलग स्वादों का अनुभव किया जा सकता है। इसे खरीदने के बाद 14वें दिन तक यह वसंत का स्वाद देती है जो मीठा होता है, 58वें दिन तक यह गर्मियों का स्वाद देती है जिसमें मिठास और खट्टापन का संतुलन होता है, 9 से 12 दिनों में यह पतझड़ का स्वाद देती है जिसमें मिठास धीरे-धीरे कम होती जाती है और कार्बोनेशन तेज होता है। 13 दिनों के बाद यह सर्दियों का स्वाद देती है जिसमें थोड़ा कड़वापन आ जाता है। अगर आप शराब के शौकीन हैं तो इसे ज़रूर ट्राई करें!
स्रोत: हनगंगजूजो (नारू सेंगमक्कल्ली 6 डिग्री 800ml 7,000 वोन)
हान्गांगजूजो (Hangangjujo) की मक्कल्ली (Makgeolli) की सलाह देते हैं। यह सियोल क्षेत्र के विशेष उत्पाद, ग्योंगबोकगंग चावल (Gyeongbokgung rice) से 100% बनाई गई मक्कल्ली (Makgeolli) है। यह मुलायम और प्राकृतिक, हल्की मिठास और साफ स्वाद वाली होती है। इसे कृषि, पशुपालन और खाद्य मंत्रालय (Ministry of Agriculture, Food and Rural Affairs) से पुरस्कार मिला है और इसके भंडारण और समय के अनुसार कार्बोनेशन में अंतर आता है। इस ब्रांड की दो और मक्कल्ली (Makgeolli) हैं, ‘नारू सेंगमक्कल्ली (Naru Saengmakgeolli) 11.5 डिग्री’ और ‘बोसटोक्की मक्कल्ली (Bosutokki Makgeolli)’। 6 डिग्री वाली मक्कल्ली (Makgeolli) को पीकर अगर आपको पसंद आती है तो आप अन्य प्रकार की मक्कल्ली (Makgeolli) भी आज़मा सकते हैं ㅎㅎ
स्रोत: बोकसुंदोगा (सोनमक्कल्ली 935ml 3 बोतल 36,000 वोन)
बोकसुन्दोगा (Boksundoa) की मक्कल्ली (Makgeolli) की सलाह देते हैं। इसमें किण्वन प्रक्रिया के दौरान बनने वाला प्राकृतिक कार्बोनेशन खास बात है। कहा जाता है कि इसमें शैंपेन (Champagne) जैसा तेज कार्बोनेशन होता है। इसलिए इसे खोलते समय सावधानी बरतें ㅎㅎ साथ ही इसके कण बारीक होते हैं जिसके कारण यह बिना किसी कड़वाहट के ताज़ा महसूस होती है। उपहार के लिए बैग, आइस पैक और कूलर बॉक्स के साथ इसे उपहार सेट में भी खरीदा जा सकता है, इसलिए उपहार के लिए भी यह उपयुक्त है। बताए गए उत्पादों में से इसका दाम थोड़ा ज़्यादा है, लेकिन इसकी लोकप्रियता का कोई कारण ज़रूर होगा।
आज हमने भारत की पारंपरिक शराबों में से एक, टैकजू (Takju) के बारे में जाना। कैसा लगा? मुझे यह जानकर हैरानी हुई कि इतनी सारी तरह की मक्कल्ली (Makgeolli) बिक्री के लिए उपलब्ध हैं। मक्कल्ली (Makgeolli) में कई स्वास्थ्यवर्धक तत्व भी होते हैं, इसलिए आप भी किसी नई मक्कल्ली (Makgeolli) को आजमाने की कोशिश क्यों नहीं करते? आज पढ़ने के लिए धन्यवाद। अगली बार हम छंगजू (Cheongju) के बारे में बात करेंगे:)
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